रामायणम् — 5.13.23
Original
Segmented
प्रियम् जनम् अपश्यन्तीम् पश्यन्तीम् राक्षसी-गणम् स्व-गणेन मृगीम् हीनाम् श्व-गण-अभिवृताम् इव
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| जनम् | जन | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अपश्यन्तीम् | अपश्यत् | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| पश्यन्तीम् | दृश् | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| राक्षसी | राक्षसी | pos=n,comp=y |
| गणम् | गण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| गणेन | गण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| मृगीम् | मृगी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| हीनाम् | हा | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| श्व | श्वन् | pos=n,comp=y |
| गण | गण | pos=n,comp=y |
| अभिवृताम् | अभिवृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| इव | इव | pos=i |