रामायणम् — 5.18.29
Original
Segmented
क्लिष्ट-कौशेय-वसनाम् तन्वीम् अपि अनलंकृताम् ताम् दृष्ट्वा स्वेषु दारेषु रतिम् न उपलभामि अहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्लिष्ट | क्लिश् | pos=va,comp=y,f=part |
| कौशेय | कौशेय | pos=n,comp=y |
| वसनाम् | वसन | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| तन्वीम् | तन्वी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| अनलंकृताम् | अनलंकृत | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| स्वेषु | स्व | pos=a,g=m,c=7,n=p |
| दारेषु | दार | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| रतिम् | रति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| न | न | pos=i |
| उपलभामि | उपलभ् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |