रामायणम् — 5.19.13
Original
Segmented
एवम् त्वाम् पाप-कर्माणम् वक्ष्यन्ति निकृता जनाः दिष्ट्या एतत् व्यसनम् प्राप्तो रौद्र इति एव हर्षिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| पाप | पाप | pos=a,comp=y |
| कर्माणम् | कर्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| वक्ष्यन्ति | वच् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| निकृता | निकृ | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
| जनाः | जन | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| दिष्ट्या | दिष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=s |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| व्यसनम् | व्यसन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्राप्तो | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| रौद्र | रौद्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| एव | एव | pos=i |
| हर्षिताः | हर्षय् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |