रामायणम् — 5.2.18
Original
Segmented
गिरि-मूर्ध्नि स्थिताम् लङ्काम् पाण्डुरैः भवनैः शुभैः ददर्श स कपिः श्रीमान् पुरम् आकाश-गम् यथा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| स्थिताम् | स्था | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| लङ्काम् | लङ्का | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पाण्डुरैः | पाण्डुर | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| भवनैः | भवन | pos=n,g=n,c=3,n=p |
| शुभैः | शुभ | pos=a,g=n,c=3,n=p |
| ददर्श | दृश् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कपिः | कपि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| श्रीमान् | श्रीमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पुरम् | पुर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आकाश | आकाश | pos=n,comp=y |
| गम् | ग | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यथा | यथा | pos=i |