रामायणम् — 5.2.39
Original
Segmented
न विनश्येत् कथम् कार्यम् वैक्लव्यम् न कथम् भवेत् लङ्घनम् च समुद्रस्य कथम् नु न वृथा भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| विनश्येत् | विनश् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| कार्यम् | कार्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वैक्लव्यम् | वैक्लव्य | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| न | न | pos=i |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| लङ्घनम् | लङ्घन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| समुद्रस्य | समुद्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| कथम् | कथम् | pos=i |
| नु | नु | pos=i |
| न | न | pos=i |
| वृथा | वृथा | pos=i |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |