रामायणम् — 5.2.43
Original
Segmented
इह अहम् यदि तिष्ठामि स्वेन रूपेण संवृतः विनाशम् उपयास्यामि भर्तुः अर्थः च हीयते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इह | इह | pos=i |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| यदि | यदि | pos=i |
| तिष्ठामि | स्था | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| स्वेन | स्व | pos=a,g=n,c=3,n=s |
| रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| संवृतः | संवृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| विनाशम् | विनाश | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| उपयास्यामि | उपया | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| भर्तुः | भर्तृ | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| हीयते | हा | pos=v,p=3,n=s,l=lat |