रामायणम् — 5.24.48
Original
Segmented
प्रियात् न सम्भवेद् दुःखम् अप्रियाद् अधिकम् भयम् ताभ्याम् हि ये वियुज्यन्ते नमः तेषाम् महात्मनाम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रियात् | प्रिय | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| सम्भवेद् | सम्भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| अप्रियाद् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| अधिकम् | अधिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
| भयम् | भय | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ताभ्याम् | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
| हि | हि | pos=i |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वियुज्यन्ते | वियुज् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| नमः | नमस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| महात्मनाम् | महात्मन् | pos=a,g=m,c=6,n=p |