रामायणम् — 5.3.7
Original
Segmented
किङ्किणी-जाल-घोषाभिः पताकाभिः अलंकृताम् आसाद्य सहसा हृष्टः प्राकारम् अभिपेदिवान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किङ्किणी | किङ्किणी | pos=n,comp=y |
| जाल | जाल | pos=n,comp=y |
| घोषाभिः | घोष | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| पताकाभिः | पताका | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| अलंकृताम् | अलंकृ | pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| सहसा | सहस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| हृष्टः | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| प्राकारम् | प्राकार | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अभिपेदिवान् | अभिपद् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |