रामायणम् — 5.32.22
Original
Segmented
किम् नु स्यात् चित्त-मोहः ऽयम् भवेद् वात-गतिः तु इयम् उन्माद-जः विकारो वा स्याद् इयम् मृगतृष्णिका
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| नु | नु | pos=i |
| स्यात् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| चित्त | चित्त | pos=n,comp=y |
| मोहः | मोह | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽयम् | इदम् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| भवेद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| वात | वात | pos=n,comp=y |
| गतिः | गति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| उन्माद | उन्माद | pos=n,comp=y |
| जः | ज | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| विकारो | विकार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वा | वा | pos=i |
| स्याद् | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मृगतृष्णिका | मृगतृष्णिका | pos=n,g=f,c=1,n=s |