रामायणम् — 5.32.30
Original
Segmented
अपकृष्य आश्रम-पदात् मृग-रूपेण राघवम् शून्ये येन अपनीता असि तस्य द्रक्ष्यसि यत् फलम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अपकृष्य | अपकृष् | pos=vi |
| आश्रम | आश्रम | pos=n,comp=y |
| पदात् | पद | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| मृग | मृग | pos=n,comp=y |
| रूपेण | रूप | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| राघवम् | राघव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| शून्ये | शून्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| अपनीता | अपनी | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| द्रक्ष्यसि | दृश् | pos=v,p=2,n=s,l=lrt |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| फलम् | फल | pos=n,g=n,c=2,n=s |