रामायणम् — 5.33.55
Original
Segmented
विचित्य वन-दुर्गाणि गिरि-प्रस्रवणानि च अन् आसाद्य पदम् देव्याः प्राणान् त्यक्तुम् व्यवस्थिताः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| विचित्य | विचि | pos=vi |
| वन | वन | pos=n,comp=y |
| दुर्गाणि | दुर्ग | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| प्रस्रवणानि | प्रस्रवण | pos=n,g=n,c=2,n=p |
| च | च | pos=i |
| अन् | अन् | pos=i |
| आसाद्य | आसादय् | pos=vi |
| पदम् | पद | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| देव्याः | देवी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
| प्राणान् | प्राण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| त्यक्तुम् | त्यज् | pos=vi |
| व्यवस्थिताः | व्यवस्था | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |