रामायणम् — 5.35.14
Original
Segmented
आशंस इति हरि-श्रेष्ठ क्षिप्रम् माम् प्राप्स्यते पतिः अन्तरात्मा हि मे शुद्धः तस्मिन् च बहवो गुणाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| आशंस | आशंस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| इति | इति | pos=i |
| हरि | हरि | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठ | श्रेष्ठ | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| प्राप्स्यते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lrt |
| पतिः | पति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अन्तरात्मा | अन्तरात्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| शुद्धः | शुद्ध | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| तस्मिन् | तद् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| च | च | pos=i |
| बहवो | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
| गुणाः | गुण | pos=n,g=m,c=1,n=p |