रामायणम् — 5.36.4
Original
Segmented
द्वितीयम् कारणम् यत् च ब्रवीषि विनय-अन्विते रामाद् अन्यस्य न अर्हामि संस्पर्शम् इति जानकि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| द्वितीयम् | द्वितीय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यत् | यद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| ब्रवीषि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| विनय | विनय | pos=n,comp=y |
| अन्विते | अन्वित | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| रामाद् | राम | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| अन्यस्य | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| अर्हामि | अर्ह् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| संस्पर्शम् | संस्पर्श | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इति | इति | pos=i |
| जानकि | जानकी | pos=n,g=f,c=8,n=s |