रामायणम् — 5.37.43
Original
Segmented
तद् आश्वसिहि भद्रम् ते भव त्वम् काल-काङ्क्षिणी
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| आश्वसिहि | आश्वस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| भव | भू | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| काल | काल | pos=n,comp=y |
| काङ्क्षिणी | काङ्क्षिन् | pos=a,g=f,c=1,n=s |