रामायणम् — 5.38.17
Original
Segmented
यत् तु रामो विजानीयाद् अभिज्ञानम् अनिन्दिते प्रीति-संजननम् तस्य भूयस् त्वम् दातुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यत् | यत् | pos=i |
| तु | तु | pos=i |
| रामो | राम | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| विजानीयाद् | विज्ञा | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| अभिज्ञानम् | अभिज्ञान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अनिन्दिते | अनिन्दित | pos=a,g=f,c=8,n=s |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| संजननम् | संजनन | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| भूयस् | भूयस् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| दातुम् | दा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |