रामायणम् — 5.38.2
Original
Segmented
त्वाम् दृष्ट्वा प्रिय-वक्तारम् सम्प्रहृष्यामि वानर अर्ध-संजात-सस्या इव वृष्टिम् प्राप्य वसुंधरा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| वक्तारम् | वक्तृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| सम्प्रहृष्यामि | सम्प्रहृष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| वानर | वानर | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| अर्ध | अर्ध | pos=n,comp=y |
| संजात | संजन् | pos=va,comp=y,f=part |
| सस्या | सस्य | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| वृष्टिम् | वृष्टि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| वसुंधरा | वसुंधरा | pos=n,g=f,c=1,n=s |