रामायणम् — 5.40.20
Original
Segmented
तस्य उग्र-रूपस्य उग्रम् त्वम् दण्डम् आज्ञातुम् अर्हसि सीता संभाषिता येन तद् वनम् च विनाशितम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उग्र | उग्र | pos=a,comp=y |
| रूपस्य | रूप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| उग्रम् | उग्र | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| दण्डम् | दण्ड | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आज्ञातुम् | आज्ञा | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| सीता | सीता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| संभाषिता | संभाषय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| येन | यद् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| वनम् | वन | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| विनाशितम् | विनाशय् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |