रामायणम् — 5.43.8
Original
Segmented
अवकीर्णः ततस् ताभिः हनूमाञ् शर-वृष्टिभिः अभवत् संवृत-आकारः शैलराड् इव वृष्टिभिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अवकीर्णः | अवकृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| ताभिः | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| हनूमाञ् | हनुमन्त् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| शर | शर | pos=n,comp=y |
| वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| अभवत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| संवृत | संवृ | pos=va,comp=y,f=part |
| आकारः | आकार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शैलराड् | शैलराज् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |