रामायणम् — 5.45.14
Original
Segmented
ततः स वीरः सुमुखान् पतत्रिणः सुवर्ण-पुङ्खान् सविषान् इव उरगान् समाधि-संयोग-विमोक्ष-तत्त्व-विद् छरान् अथ त्रीन् कपि-मूर्ध्नि अपातयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ततः | ततस् | pos=i |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वीरः | वीर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सुमुखान् | सुमुख | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| पतत्रिणः | पतत्रिन् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सुवर्ण | सुवर्ण | pos=n,comp=y |
| पुङ्खान् | पुङ्ख | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| सविषान् | सविष | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| इव | इव | pos=i |
| उरगान् | उरग | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| समाधि | समाधि | pos=n,comp=y |
| संयोग | संयोग | pos=n,comp=y |
| विमोक्ष | विमोक्ष | pos=n,comp=y |
| तत्त्व | तत्त्व | pos=n,comp=y |
| विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| छरान् | शर | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अथ | अथ | pos=i |
| त्रीन् | त्रि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| कपि | कपि | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| अपातयत् | पातय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |