रामायणम् — 5.45.22
Original
Segmented
समुत्पतन्तम् समभिद्रवद् बली स राक्षसानाम् प्रवरः प्रतापवान् रथी रथ-श्रेष्ठतमः किरञ् शरैः पयोधरः शैलम् इव अश्म-वृष्टिभिः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| समुत्पतन्तम् | समुत्पत् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| समभिद्रवद् | समभिद्रु | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| बली | बलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राक्षसानाम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| प्रवरः | प्रवर | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्रतापवान् | प्रतापवत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| रथी | रथिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| रथ | रथ | pos=n,comp=y |
| श्रेष्ठतमः | श्रेष्ठतम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| किरञ् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| शरैः | शर | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| पयोधरः | पयोधर | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शैलम् | शैल | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अश्म | अश्मन् | pos=n,comp=y |
| वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |