रामायणम् — 5.48.4
Original
Segmented
रावणस्य वचः श्रुत्वा प्रहस्तो वाक्यम् अब्रवीत् समाश्वसिहि भद्रम् ते न भीः कार्या त्वया कपे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रावणस्य | रावण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| प्रहस्तो | प्रहस्त | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वाक्यम् | वाक्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| समाश्वसिहि | समाश्वस् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| भद्रम् | भद्र | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| भीः | भी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| कार्या | कृ | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=krtya |
| त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| कपे | कपि | pos=n,g=m,c=8,n=s |