रामायणम् — 5.49.18
Original
Segmented
न च अपि त्रिषु लोकेषु राजन् विद्येत कश्चन राघवस्य व्यलीकम् यः कृत्वा सुखम् अवाप्नुयात्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| न | न | pos=i |
| च | च | pos=i |
| अपि | अपि | pos=i |
| त्रिषु | त्रि | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| विद्येत | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| कश्चन | कश्चन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राघवस्य | राघव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| व्यलीकम् | व्यलीक | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| सुखम् | सुख | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अवाप्नुयात् | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |