रामायणम् — 5.50.14
Original
Segmented
अस्मिन् विनष्टे न हि दूतम् अन्यम् पश्यामि यः तौ नर-राज-पुत्रौ युद्धाय युद्ध-प्रिय-दुर्विनीतौ उद्योजयेद् दीर्घ-पथ-अवरुद्धौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अस्मिन् | इदम् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| विनष्टे | विनश् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| दूतम् | दूत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अन्यम् | अन्य | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| पश्यामि | दृश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| नर | नर | pos=n,comp=y |
| राज | राजन् | pos=n,comp=y |
| पुत्रौ | पुत्र | pos=n,g=m,c=2,n=d |
| युद्धाय | युद्ध | pos=n,g=n,c=4,n=s |
| युद्ध | युद्ध | pos=n,comp=y |
| प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
| दुर्विनीतौ | दुर्विनीत | pos=a,g=m,c=2,n=d |
| उद्योजयेद् | उद्योजय् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| दीर्घ | दीर्घ | pos=a,comp=y |
| पथ | पथ | pos=n,comp=y |
| अवरुद्धौ | अवरुध् | pos=va,g=m,c=2,n=d,f=part |