रामायणम् — 5.51.12
Original
Segmented
सर्वेषाम् एव पर्याप्तो राक्षसानाम् अहम् युधि किम् तु रामस्य प्रीति-अर्थम् विषहिष्ये ऽहम् ईदृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सर्वेषाम् | सर्व | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| एव | एव | pos=i |
| पर्याप्तो | पर्याप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| राक्षसानाम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| अहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| युधि | युध् | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| रामस्य | राम | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विषहिष्ये | विषह् | pos=v,p=1,n=s,l=lrt |
| ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| ईदृशम् | ईदृश | pos=a,g=n,c=2,n=s |