रामायणम् — 5.58.8
Original
Segmented
मया अतुला विसृष्टा हि शैल-वृष्टिः निरन्तरा देवान् अपि रणे हन्यात् किम् पुनः तान् निशाचरान्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| अतुला | अतुल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| विसृष्टा | विसृज् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| हि | हि | pos=i |
| शैल | शैल | pos=n,comp=y |
| वृष्टिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| निरन्तरा | निरन्तर | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| देवान् | देव | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अपि | अपि | pos=i |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| हन्यात् | हन् | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
| किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पुनः | पुनर् | pos=i |
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| निशाचरान् | निशाचर | pos=n,g=m,c=2,n=p |