रामायणम् — 5.8.8
Original
Segmented
क्रीडित्वा उपरतम् रात्रौ वर-आभरण-भूषितम् प्रियम् राक्षस-कन्यानाम् राक्षसानाम् सुख-आवहम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| क्रीडित्वा | क्रीड् | pos=vi |
| उपरतम् | उपरम् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| रात्रौ | रात्रि | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| वर | वर | pos=a,comp=y |
| आभरण | आभरण | pos=n,comp=y |
| भूषितम् | भूषय् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
| कन्यानाम् | कन्या | pos=n,g=f,c=6,n=p |
| राक्षसानाम् | राक्षस | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| सुख | सुख | pos=n,comp=y |
| आवहम् | आवह | pos=a,g=m,c=2,n=s |