रामायणम् — 6.100.13
Original
Segmented
अभ्यषिञ्चत् स धर्म-आत्मा शुद्ध-आत्मानम् विभीषणम् तस्य अमात्याः जहृषिरे भक्ता ये च अस्य राक्षसाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अभ्यषिञ्चत् | अभिषिच् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| धर्म | धर्म | pos=n,comp=y |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शुद्ध | शुद्ध | pos=a,comp=y |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| विभीषणम् | विभीषण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अमात्याः | अमात्य | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| जहृषिरे | हृष् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| भक्ता | भक्त | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| ये | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| च | च | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| राक्षसाः | राक्षस | pos=n,g=m,c=1,n=p |