रामायणम् — 6.101.31
Original
Segmented
भाग्य-वैषम्य-योगेन पुरा दुश्चरितेन च मया एतत् प्राप्यते सर्वम् स्व-कृतम् हि उपभुज्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| भाग्य | भाग्य | pos=n,comp=y |
| वैषम्य | वैषम्य | pos=n,comp=y |
| योगेन | योग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| पुरा | पुरा | pos=i |
| दुश्चरितेन | दुश्चरित | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| मया | मद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
| एतत् | एतद् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| प्राप्यते | प्राप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| सर्वम् | सर्व | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| स्व | स्व | pos=a,comp=y |
| कृतम् | कृत | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| उपभुज्यते | उपभुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |