रामायणम् — 6.103.17
Original
Segmented
प्राप्त-चारित्र-संदेहा मम प्रतिमुखे स्थिता दीपो नेत्र-आतुरस्य इव प्रतिकूला असि मे दृढम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्राप्त | प्राप् | pos=va,comp=y,f=part |
| चारित्र | चारित्र | pos=n,comp=y |
| संदेहा | संदेह | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रतिमुखे | प्रतिमुख | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| स्थिता | स्था | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |
| दीपो | दीप | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नेत्र | नेत्र | pos=n,comp=y |
| आतुरस्य | आतुर | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| प्रतिकूला | प्रतिकूल | pos=a,g=f,c=1,n=s |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| मे | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| दृढम् | दृढ | pos=a,g=n,c=2,n=s |