रामायणम् — 6.103.6
Original
Segmented
सम्प्राप्तम् अवमानम् यः तेजसा न प्रमार्जति कः तस्य पुरुष-अर्थः ऽस्ति पुरुषस्य अल्प-तेजसः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सम्प्राप्तम् | सम्प्राप् | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
| अवमानम् | अवमान | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तेजसा | तेजस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| न | न | pos=i |
| प्रमार्जति | प्रमृज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| कः | क | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| पुरुष | पुरुष | pos=n,comp=y |
| अर्थः | अर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्ति | अस् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| पुरुषस्य | पुरुष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| अल्प | अल्प | pos=a,comp=y |
| तेजसः | तेजस् | pos=n,g=m,c=6,n=s |