रामायणम् — 6.105.17
Original
Segmented
सहस्र-शृङ्गः वेदात्मा शत-जिह्वः महा-ऋषभः त्वम् यज्ञः त्वम् वषट्कारः त्वम् ओंकारः परंतप
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| सहस्र | सहस्र | pos=n,comp=y |
| शृङ्गः | शृङ्ग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वेदात्मा | वेदात्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| शत | शत | pos=n,comp=y |
| जिह्वः | जिह्वा | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| ऋषभः | ऋषभ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| यज्ञः | यज्ञ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| वषट्कारः | वषट्कार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| ओंकारः | ओंकार | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| परंतप | परंतप | pos=a,g=m,c=8,n=s |