रामायणम् — 6.107.6
Original
Segmented
इष्ट्वा तुरगमेधेन प्राप्य च अनुत्तमम् यशः ब्राह्मणेभ्यो धनम् दत्त्वा त्रिदिवम् गन्तुम् अर्हसि
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| इष्ट्वा | यज् | pos=vi |
| तुरगमेधेन | तुरगमेध | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| अनुत्तमम् | अनुत्तम | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| यशः | यशस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| ब्राह्मणेभ्यो | ब्राह्मण | pos=n,g=m,c=4,n=p |
| धनम् | धन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दत्त्वा | दा | pos=vi |
| त्रिदिवम् | त्रिदिव | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| गन्तुम् | गम् | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |