रामायणम् — 6.11.31
Original
Segmented
छादयित्वा आत्म-भावम् हि चरन्ति शठ-बुद्धयः प्रहरन्ति च रन्ध्रेषु सो ऽनर्थः सु महान् भवेत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| छादयित्वा | छादय् | pos=vi |
| आत्म | आत्मन् | pos=n,comp=y |
| भावम् | भाव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| चरन्ति | चर् | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| शठ | शठ | pos=a,comp=y |
| बुद्धयः | बुद्धि | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| प्रहरन्ति | प्रहृ | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
| च | च | pos=i |
| रन्ध्रेषु | रन्ध्र | pos=n,g=n,c=7,n=p |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽनर्थः | अनर्थ | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| सु | सु | pos=i |
| महान् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |