रामायणम् — 6.11.52
Original
Segmented
अशक्यः सहसा राजन् भावो वेत्तुम् परस्य वै अन्तः स्वभावैः गीतैः तैः नैपुण्यम् पश्यता भृशम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अशक्यः | अशक्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| सहसा | सहस् | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| राजन् | राजन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| भावो | भाव | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| वेत्तुम् | विद् | pos=vi |
| परस्य | पर | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| वै | वै | pos=i |
| अन्तः | अन्तर् | pos=i |
| स्वभावैः | स्वभाव | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| गीतैः | गा | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
| तैः | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| नैपुण्यम् | नैपुण्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| पश्यता | दृश् | pos=va,g=m,c=3,n=s,f=part |
| भृशम् | भृशम् | pos=i |