रामायणम् — 6.112.8
Original
Segmented
साम्प्रतम् सु समृद्ध-अर्थम् स मित्र-गण-बान्धवम् समीक्ष्य विजित-अरिम् त्वाम् मम प्रीतिः अनुत्तमा
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| साम्प्रतम् | सांप्रतम् | pos=i |
| सु | सु | pos=i |
| समृद्ध | समृध् | pos=va,comp=y,f=part |
| अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| स | स | pos=i |
| मित्र | मित्र | pos=n,comp=y |
| गण | गण | pos=n,comp=y |
| बान्धवम् | बान्धव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| विजित | विजि | pos=va,comp=y,f=part |
| अरिम् | अरि | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| प्रीतिः | प्रीति | pos=n,g=f,c=1,n=s |
| अनुत्तमा | अनुत्तम | pos=a,g=f,c=1,n=s |