रामायणम् — 6.113.3
Original
Segmented
अयोध्याम् त्वरितो गच्छ क्षिप्रम् त्वम् प्लवग-उत्तम जानीहि कच्चित् कुशली जनो नृपति-मन्दिरे
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अयोध्याम् | अयोध्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| त्वरितो | त्वर् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| गच्छ | गम् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| क्षिप्रम् | क्षिप्रम् | pos=i |
| त्वम् | त्वद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| प्लवग | प्लवग | pos=n,comp=y |
| उत्तम | उत्तम | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| जानीहि | ज्ञा | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| कच्चित् | कश्चित् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| कुशली | कुशलिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| जनो | जन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नृपति | नृपति | pos=n,comp=y |
| मन्दिरे | मन्दिर | pos=n,g=n,c=7,n=s |