रामायणम् — 6.2.20
Original
Segmented
तान् अरीन् विधमिष्यन्ति शिला-पादप-वृष्टिभिः कथंचित् परिपश्यामः ते वयम् वरुणालयम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तान् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| अरीन् | अरि | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| विधमिष्यन्ति | विधम् | pos=v,p=3,n=p,l=lrt |
| शिला | शिला | pos=n,comp=y |
| पादप | पादप | pos=n,comp=y |
| वृष्टिभिः | वृष्टि | pos=n,g=f,c=3,n=p |
| कथंचित् | कथंचिद् | pos=i |
| परिपश्यामः | परिपश् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
| ते | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
| वरुणालयम् | वरुणालय | pos=n,g=m,c=2,n=s |