रामायणम् — 6.2.4
Original
Segmented
धृतिमाञ् शास्त्र-विद् प्राज्ञः पण्डितः च असि राघव त्यज इमाम् पापिकाम् बुद्धिम् कृत्वा आत्मा इव अर्थ-दूषणीम्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| धृतिमाञ् | धृतिमत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| शास्त्र | शास्त्र | pos=n,comp=y |
| विद् | विद् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| प्राज्ञः | प्राज्ञ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| पण्डितः | पण्डित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| च | च | pos=i |
| असि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| राघव | राघव | pos=n,g=m,c=8,n=s |
| त्यज | त्यज् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
| इमाम् | इदम् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| पापिकाम् | पापक | pos=a,g=f,c=2,n=s |
| बुद्धिम् | बुद्धि | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| कृत्वा | कृ | pos=vi |
| आत्मा | आत्मन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| इव | इव | pos=i |
| अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
| दूषणीम् | दूषण | pos=a,g=f,c=2,n=s |