रामायणम् — 6.20.12
Original
Segmented
अपध्वंसत गच्छध्वम् संनिकर्षाद् इतो मम न हि वाम् हन्तुम् इच्छामि स्मरन्न् उपकृतानि वाम् हतौ एव कृतघ्नौ तौ मयि स्नेह-पराङ्मुखौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अपध्वंसत | अपध्वंस् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| गच्छध्वम् | गम् | pos=v,p=2,n=p,l=lot |
| संनिकर्षाद् | संनिकर्ष | pos=n,g=m,c=5,n=s |
| इतो | इतस् | pos=i |
| मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
| न | न | pos=i |
| हि | हि | pos=i |
| वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=d |
| हन्तुम् | हन् | pos=vi |
| इच्छामि | इष् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
| स्मरन्न् | स्मृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| उपकृतानि | उपकृ | pos=va,g=n,c=2,n=p,f=part |
| वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=d |
| हतौ | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
| एव | एव | pos=i |
| कृतघ्नौ | कृतघ्न | pos=a,g=m,c=1,n=d |
| तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| मयि | मद् | pos=n,g=,c=7,n=s |
| स्नेह | स्नेह | pos=n,comp=y |
| पराङ्मुखौ | पराङ्मुख | pos=a,g=m,c=1,n=d |