रामायणम् — 6.30.24
Original
Segmented
चैत्यः स राक्षस-इन्द्रस्य बभूव पुर-भूषणम् शतेन रक्षसाम् नित्यम् यः समग्रेण रक्ष्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| चैत्यः | चैत्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| राक्षस | राक्षस | pos=n,comp=y |
| इन्द्रस्य | इन्द्र | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| बभूव | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
| पुर | पुर | pos=n,comp=y |
| भूषणम् | भूषण | pos=n,g=n,c=1,n=s |
| शतेन | शत | pos=n,g=n,c=3,n=s |
| रक्षसाम् | रक्षस् | pos=n,g=n,c=6,n=p |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| समग्रेण | समग्र | pos=a,g=m,c=3,n=s |
| रक्ष्यते | रक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |