रामायणम् — 6.33.7
Original
Segmented
प्रजङ्घेन च संपातिः नित्यम् दुर्मर्षणो रणे जम्बूमालिनम् आरब्धो हनूमान् अपि वानरः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| प्रजङ्घेन | प्रजङ्घ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| संपातिः | सम्पाति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| नित्यम् | नित्यम् | pos=i |
| दुर्मर्षणो | दुर्मर्षण | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| रणे | रण | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| जम्बूमालिनम् | जम्बूमालिन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आरब्धो | आरभ् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| हनूमान् | हनुमन्त् | pos=n,g=,c=1,n=s |
| अपि | अपि | pos=i |
| वानरः | वानर | pos=n,g=m,c=1,n=s |