रामायणम् — 6.38.15
Original
Segmented
शोधयित्वा जनस्थानम् प्रवृत्तिम् उपलभ्य च तीर्त्वा सागरम् अक्षोभ्यम् भ्रातरौ गोष्पदे हतौ
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| शोधयित्वा | शोधय् | pos=vi |
| जनस्थानम् | जनस्थान | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| प्रवृत्तिम् | प्रवृत्ति | pos=n,g=f,c=2,n=s |
| उपलभ्य | उपलभ् | pos=vi |
| च | च | pos=i |
| तीर्त्वा | तृ | pos=vi |
| सागरम् | सागर | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अक्षोभ्यम् | अक्षोभ्य | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| भ्रातरौ | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=1,n=d |
| गोष्पदे | गोष्पद | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| हतौ | हन् | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |