रामायणम् — 6.39.16
Original
Segmented
बाण-अभिहन्-मर्म-त्वात् न शक्नोति अभिवीक्षितुम् रुजा च अब्रुवत् हि अस्य दृष्टि-रागेण सूच्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| बाण | बाण | pos=n,comp=y |
| अभिहन् | अभिहन् | pos=va,comp=y,f=part |
| मर्म | मर्मन् | pos=n,comp=y |
| त्वात् | त्व | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| न | न | pos=i |
| शक्नोति | शक् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अभिवीक्षितुम् | अभिवीक्ष् | pos=vi |
| रुजा | रुज् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| च | च | pos=i |
| अब्रुवत् | अब्रुवत् | pos=a,g=m,c=6,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| दृष्टि | दृष्टि | pos=n,comp=y |
| रागेण | राग | pos=n,g=m,c=3,n=s |
| सूच्यते | सूचय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |