रामायणम् — 6.4.50
Original
Segmented
एवम् आर्य समीक्ष्य एतान् प्रीतो भवितुम् अर्हसि इति भ्रातरम् आश्वास्य हृष्टः सौमित्रिः अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| एवम् | एवम् | pos=i |
| आर्य | आर्य | pos=a,g=m,c=8,n=s |
| समीक्ष्य | समीक्ष् | pos=vi |
| एतान् | एतद् | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| प्रीतो | प्री | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भवितुम् | भू | pos=vi |
| अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
| इति | इति | pos=i |
| भ्रातरम् | भ्रातृ | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| आश्वास्य | आश्वासय् | pos=vi |
| हृष्टः | हृष् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| सौमित्रिः | सौमित्रि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |