रामायणम् — 6.41.11
Original
Segmented
तद् अप्रियम् दीन-मुखाः रावणस्य निशाचराः कृत्स्नम् निवेदयामासुः यथावद् वाक्य-कोविदाः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अप्रियम् | अप्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| दीन | दीन | pos=a,comp=y |
| मुखाः | मुख | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| रावणस्य | रावण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| निशाचराः | निशाचर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
| कृत्स्नम् | कृत्स्न | pos=a,g=n,c=2,n=s |
| निवेदयामासुः | निवेदय् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| यथावद् | यथावत् | pos=i |
| वाक्य | वाक्य | pos=n,comp=y |
| कोविदाः | कोविद | pos=a,g=m,c=1,n=p |