रामायणम् — 6.41.2
Original
Segmented
स्निग्ध-गम्भीर-निर्घोषम् श्रुत्वा स निनदम् भृशम् सचिवानाम् ततस् तेषाम् मध्ये वचनम् अब्रवीत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| स्निग्ध | स्निग्ध | pos=a,comp=y |
| गम्भीर | गम्भीर | pos=a,comp=y |
| निर्घोषम् | निर्घोष | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
| स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| निनदम् | निनद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| भृशम् | भृश | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| सचिवानाम् | सचिव | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| ततस् | ततस् | pos=i |
| तेषाम् | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=p |
| मध्ये | मध्य | pos=n,g=n,c=7,n=s |
| वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| अब्रवीत् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |