रामायणम् — 6.41.32
Original
Segmented
रुधिर-आर्द्रः महाञ् श्वेतः कबन्धः पतितो भुवि विस्वरम् च उत्सृज् नादम् धूम्राक्षस्य समीपतः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| रुधिर | रुधिर | pos=n,comp=y |
| आर्द्रः | आर्द्र | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| महाञ् | महत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| श्वेतः | श्वेत | pos=a,g=m,c=1,n=s |
| कबन्धः | कबन्ध | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| पतितो | पत् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| भुवि | भू | pos=n,g=f,c=7,n=s |
| विस्वरम् | विस्वर | pos=a,g=m,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| उत्सृज् | उत्सृज् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| नादम् | नाद | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| धूम्राक्षस्य | धूम्राक्ष | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| समीपतः | समीप | pos=n,g=n,c=5,n=s |