रामायणम् — 6.44.18
Original
Segmented
अकम्पनः तु तद् दृष्ट्वा गिरि-शृङ्गम् समुद्यतम् दूराद् एव महा-बाणैः अर्धचन्द्रैः व्यदारयत्
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| अकम्पनः | अकम्पन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| तु | तु | pos=i |
| तद् | तद् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| दृष्ट्वा | दृश् | pos=vi |
| गिरि | गिरि | pos=n,comp=y |
| शृङ्गम् | शृङ्ग | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| समुद्यतम् | समुद्यम् | pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part |
| दूराद् | दूर | pos=a,g=n,c=5,n=s |
| एव | एव | pos=i |
| महा | महत् | pos=a,comp=y |
| बाणैः | बाण | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| अर्धचन्द्रैः | अर्धचन्द्र | pos=n,g=m,c=3,n=p |
| व्यदारयत् | विदारय् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |