रामायणम् — 6.45.36
Original
Segmented
ववर्षू रुधिरम् च अस्य सिषिचुः च पुरःसरान् केतु-मूर्ध्नि गृध्रो ऽस्य विलीनो दक्षिणामुखः
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| ववर्षू | वृष् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| रुधिरम् | रुधिर | pos=n,g=n,c=2,n=s |
| च | च | pos=i |
| अस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| सिषिचुः | सिच् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
| च | च | pos=i |
| पुरःसरान् | पुरःसर | pos=a,g=m,c=2,n=p |
| केतु | केतु | pos=n,comp=y |
| मूर्ध्नि | मूर्धन् | pos=n,g=m,c=7,n=s |
| गृध्रो | गृध्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽस्य | इदम् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
| विलीनो | विली | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
| दक्षिणामुखः | दक्षिणामुख | pos=a,g=m,c=1,n=s |