रामायणम् — 6.51.20
Original
Segmented
यो हि शत्रुम् अवज्ञाय न आत्मानम् अभिरक्षति अवाप्नोति हि सो ऽनर्थान् स्थानात् च व्यवरोप्यते
Analysis
| Word | Lemma | Parse |
|---|---|---|
| यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| हि | हि | pos=i |
| शत्रुम् | शत्रु | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अवज्ञाय | अवज्ञा | pos=vi |
| न | न | pos=i |
| आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
| अभिरक्षति | अभिरक्ष् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| अवाप्नोति | अवाप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
| हि | हि | pos=i |
| सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
| ऽनर्थान् | अनर्थ | pos=n,g=m,c=2,n=p |
| स्थानात् | स्थान | pos=n,g=n,c=5,n=s |
| च | च | pos=i |
| व्यवरोप्यते | व्यवरोपय् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |